सरकारी नौकरी की दीवानगी, और कोचिंग का रोग || आचार्य प्रशांत (2024)

Publicado 2024-07-30
🧔🏻‍♂️ आचार्य प्रशांत से समझे गीता और वेदांत का गहरा अर्थ, लाइव ऑनलाइन सत्रों से जुड़ें:
acharyaprashant.org/hi/enquiry-gita-course?cmId=m0…

📚 आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं?
फ्री डिलीवरी पाएँ: acharyaprashant.org/hi/books?cmId=m00021

➖➖➖➖➖➖

#acharyaprashant #UPSC #IAS #Job #bureaucracy #sarkarinaukari

वीडियो जानकारी: 28.07.24, संत सरिता, ग्रेटर नॉएडा

प्रसंग:
UPSC स्टूडेंट क्या होता है? तुम applicant हो भाई। पर ये खूब सुनते हो न अब मैं UPSC का स्टूडेंट हूँ। बात क्या है बस यह कि बेरोजगार हो। लेकिन अगर स्वीकार कर लोगे बेरोजगार हो तो अहंकार को ठेस लगेगी और कुछ सार्थक भी करना पड़ेगा।

~ UPSC करने के पीछे मेरी क्या छुपी हुई कामना है?
~ शिक्षा व्यवस्था, कोचिंग उद्योग पाखंड से क्या नुकसान है राष्ट्र और व्यक्ति को?
~ सरकार क्यों चाहती है, सारी युवा शक्ति बस सरकारी नौकरी की कोशिश में लगी रहे?
~ भारत की युवा शक्ति की बर्बादी का बहुत बड़ा कारण यह सरकारी नौकरी का झुनझुना है।
~ क्यों सबको सेवक नहीं शासक बनना है?
~ समाज सेवा का वास्तविक अर्थ क्या होता है?
~ समाज सेवा कैसे करें?


संगीत: मिलिंद दाते
~~

Todos los comentarios (21)
  • @ShriPrashant
    "आचार्य प्रशांत से समझें गीता, लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: acharyaprashant.org/hi/enquiry-gita-course?cmId=m0… ✨ हर महीने 30 लाइव सत्र ✨ 15,000+ गीता छात्रों की कम्युनिटी ✨ पिछले 200+ घंटों के सत्रों की रिकॉर्डिंग - निशुल्क ✨ आचार्य प्रशांत से पूछें अपने सवाल"
  • @Surbhisati127
    दुनियां के किसी देश में सरकारी नौकरी के लिए जवानी उस तरह बर्बाद नहीं हो रही जिस तरह भारत में हो रही है ✨️🙏🏻🌹
  • @aakashkumar8853
    स्वामी विवेकानंद जी के बाद भारतवर्ष के महान व्यक्तित्व आचार्य प्रशांत जी ❣️
  • @AjayDwivedi8
    वो जवानी जो वेदांत दर्शन नही जान पा रही वो बेकार ही जायेगी🙏
  • @karunapandey8383
    सर हमारे परिवार के एक सदस्य ने सारे प्रयास UPSC के दिए, चयनित न होने पर PSC के सारे प्रयास दिए पर चयन नहीं हुआ। आज ४० वर्ष का बेरोजगार है
  • वैसे तो हमने तैयारी छोड़ दी है और काम धंधे में लग गया हूं । लेकिन एक दिन क्या हुआ कि मेरे घर मे निर्माण कार्य चल रहा है सो हम सीमेंट दुकान वाले के पास गए थे तो उसके बगल में देखा कि एक दीवार पर लिखा है फलाने लाइब्रेरी ।मुझे देख के इक्षा हुई कि चलो देखते है कैसी पुस्तके है यहाँ किउकी हम जब तैयारी करते थे तो शहर में एक लाइब्रेरी थी नागरी प्रचारिणी की उसी में जाते थे वहाँ बहुत सी पुस्तके होती थी ।जब मैं इसके अंदर गया तो देखा कि बेसमेंट में दमघोटू जगह पर बिना पुस्तको के बच्चे मुर्गी के दर्बो में टैब लेके कुछ देख रहे है ।चुकी मैं तो पहले का था सो उसके संचालक से बोल दिया जो बोलना था ।ये तो हालात है हिंदी पट्टी के राज्यो की
  • मेरी दोस्तों से यही विनती है कोचिंग में बेवजह पैसा बर्बाद मत करो, क्योंकि हमारी मूर्खता के कारण ही ये कोचिंग सेंटर बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और हम नीचे गिर रहे हैं👨🏻‍🎓💵❌
  • मैं भी एक आवेदक हूं,इसी भीड़ का एक हिस्सा। हां शायद मुझे भी इसी भावना ने इस भीड़ में धकेल दिया है और हां शायद मैं आ भी गई बिना कुछ सोचे समझे। कोई विकास,कौशल, कार्य,सीख कुछ भी नहीं,जो बताया जा रहा है बस करते रहो उत्तीर्ण हुए तो ठीक वरना वापस चलें जाओ जहां से शुरू किया था या खुद को समाप्त कर लो।
  • दुनिया में भारत ही एक ऐसा देश है जहाँ सभी का एकमात्र सपना सरकारी नौकरी है ,जो जवानी किसी अच्छे, ऊँचे कार्य में लग सकती थी वो सिर्फ सरकारी नौकरी की तैयारी में बर्बाद चली जाती हैं
  • आचार्य जी को सादर प्रणाम करता हूं।सुप्रभात मित्रों। नेता जी सुभाष चन्द्र बोस जी ने कोचिंग नहीं पढ़ी थी। हम सब भेंड़ चाल चल रहे हैं । इसके लिए माता पिता ही सबसे बड़े जिम्मेदार हैं।। यह सभी फर्जी आवेदक हैं ।
  • @S.pthakur-f3x
    "मुझे तो जिंदगी भर जूझना है। मुझे अंजाम की परवाह किए बीना कृष्ण का अर्जुन बनना है।" ❤ प्रणाम आचार्य श्री।
  • मान्यता छोड़ते हैं तो भी बात बनेगी नहीं छोड़ते ही अपनाना होगा वेदांत उपनिषद को उस खाली जगह को तुरंत भरना पड़ेगा
  • हमारी सब मान्यताएं खोखली और झूठी हैं जो कथाओं व कहानियों पर आधारित हैं उन्हे छोड़नी ही पड़ेंगी और कोई चारा नहीं है उसके बाद उपनिषद व वेदांत की सहायता से सत्य को समझना होगा तब ही मनुष्य जाति का कल्याण होगा
  • कोन कोन मानता है आचार्य प्रशांत असली हीरो है❤
  • @ParwinderRani
    Bache nhi chahiye, योद्धा chahiye, योद्धा Fela do सत्य ko chaaro trf, jo paiso se योगदान nhi kr skte, vo सत्य ko share Fela kr योगदान dein🇮🇳
  • आचार्य जी की बात से पूरी तरह से सहमत हूं. मैं मानता हूं कि इस समस्या का मूल जड़ हमारी शिक्षा व्यवस्था है. एक तरीके से यह बोलूं की 12 साल की पढ़ाई क्लास वन से क्लास ट्वेल्थ तक एक एजुकेशन स्कैम है, हैरानी की बात है कि स्कूल की पढ़ाई के बाद भी नौकरी के लिए अगर आपको कोचिंग करनी पड़ रही है, और वही सब्जेक्ट पढ़ने पड़ रहे हैं जो अपने स्कूल में पढ़े थे, तो उससे बड़ा एजुकेशन स्कैम क्या ही कहा जाएगा स्कूली व्यवस्था को... कितना अच्छा होता कि हम अपनी स्कूल की पढ़ाई को ही इतनी अच्छी कर देते की 12वीं के बाद हमें निकलने पर नौकरी ढूंढने पर या स्व कार्य करने पर किसी के सहायता की जरूरत नहीं पड़ती....
  • "देश की युवाओं की पूरी ऊर्जा नौकरी और शादी में बही जा रही है" #आचार्य प्रशांत ❤❤❤❤❤
  • @beenabeena6640
    अगर भारत ऐसा देश हों जाय, जो कहें मुझे तो जिंदगी भर जुझना है, परिणाम की परवाह करे बिना मुझे कृष्ण का अर्जुन बनाना है, मौज तो सही कर्म में है,अब क्या सरकारी नौकरी के लिए इतना क्रेज रहेगा, तो एक तरह से इतना जो क्रेज है, वह इसलिए भी है, भारत सच्चे धर्म से, गीता के असली अर्थ से बहुत दूर है,
  • @RitvikRajnish
    ये पूरी कोचिंग व्यवस्था ही गड़बड़ है, बच्चे कही के नही छोड़े जा रहे है बहुत बड़ा दुर्भाग्य है ये देश के लिए।
  • @Vikram-e3d
    कोचिंग के कारण सीटे नही बढ़ती लेकीन कारोबार, व्यापार कई गुना बढ़ती फूलती है